Index Search for 'द' alphabet |
Shloka: | दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा। आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्॥ |
Bhagavad Gita Reference: | 1.2 |
Mahabharata Reference: | 6023002 |
Hindi Trnaslation: | सञ्जय बोले - राजा दुर्योधन ने उस समय व्यूह की रचना से युक्त पान्डवों की सेना पर दृष्टिपात करके और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा ॥२॥ |
Sandhi-split Shloka: | दृष्ट्वा तु पान्डव-अनीकम् ब्यूढम् दुर्योधनः तदा।आचार्यम् उपसङ्ग्म्य राजा वचनम् अब्रवीत्॥ |
Anvayakrama: | तदा पाण्डव-अनीकम् व्यूढम् दृष्ट्वा तु राजा दुर्योधनः आचार्यम् उपसङ्गम्य वचनम् अब्रवीत् । |
Bhagavad Gita Tagged Shloka: | दृष्ट्वा/KKS तु/A पाण्डवानीकं/NV व्यूढं/NP दुर्योधनः/NS तदा/Aआचार्यम्/NP उपसङ्गम्य/KKS राजा/NP वचनम्/NP अब्रवीत्/KP ॥/PUNC 1.2/PUNC ॥/PUNC Tagging scheme used |